Reasons Of Irregular Periods Symptoms

(Reasons Of Irregular Periods, Symptoms): महिलाओं के जीवन में पीरियड्स एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो मासिक धर्म के नाम से भी जानी जाती है। यह हर महीने होने वाला एक नैतिक स्वास्थ्य प्रणाली का हिस्सा है, लेकिन कभी-कभी, किसी कारणवश, पीरियड्स खुलकर नहीं हो सकते हैं, जिसे मेडिकल शाब्दिक से ‘असमय मासिक धर्म’ कहा जाता है। इस लेख में, हम इस विषय पर विस्तृत रूप से चर्चा करेंगे, जानेंगे कि असमय पीरियड्स के क्या-क्या कारण हो सकते हैं, उसके लक्षण क्या हो सकते हैं, और उसका उपचार कैसे किया जा सकता है।

नियमित पीरियड्स एक महिला के स्वास्थ्य का संकेत करते हैं, इसलिए यह अनिवार्य है। यह ब्लॉग आपके लिए है अगर आपके पीरियड्स खुलकर नहीं आते हैं और आप नहीं जानते कि पीरियड्स खुलने के लिए क्या करें। क्योंकि यह ब्लॉग आपके सभी प्रश्नों का उत्तर देगा।

महिलाएं पीरियड्स में भारी ब्लीडिंग को इमरजेंसी मानकर डॉक्टर से परामर्श करती हैं। लेकिन चिंता की बात यह है कि जब पीरियड्स धीरे-धीरे आते हैं या कम ब्लीडिंग होती है, तो महिलाएं इसे हल्के में लेती हैं और डॉक्टर से मिलने की जरूरत नहीं समझती हैं।

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पीरियड्स खुल कर न होने के लक्षण (Symptoms Of Irregular Periods)

पीरियड्स खुलकर न होना एक महत्वपूर्ण समस्या है जिसे पहचानना महत्वपूर्ण है। इसके लिए निम्नलिखित संकेतहै जो आपको इस बीमारी के संकेत दे सकते है :

  • ब्लड क्लॉट और कम ब्लीडिंग
  • अचानक ब्लीडिंग कम होना
  • एक महीने के बाद भी कम ब्लीडिंग होना

पीरियड्स रुक रुक आने के प्रमुख कारण ( Reasons Of Irregular Periods)

पीरियड्स खुल कर ना आने के कारण का पता लगाकर इस समस्या का सही समाधान मिल सकता है। आइए जाने इसके प्रमुख कारण:

1. उमर का बढ़ना इसका एक कारण (Age Factor)

पीरियड्स में ब्लीडिंग कम होने का एक प्रमुख कारण उम्र बढ़ना है। पीरियड्स में कम या अधिक ब्लीडिंग होना भी उम्र पर निर्भर करता है। टीनएज लड़कियों में असामान्य ब्लीडिंग होता है। साथ ही, 35 से 50 वर्ष की उम्र में एक महिला मेनोपॉज का खतरा अधिक होता है। मैनोपॉज भी पीरियड्स को खुलकर नहीं आने देता। हार्मोनल असंतुलन इन दोनों ही उम्र में होता है, जो पीरियड्स रुक रुक के आने का सबसे बड़ा कारण हो सकता है।

2. वजन ज्यादा या कम होना है एक कारण ( Weight )

एक महिला का वजन सामान्य से अधिक या कम होने पर लाइट ब्लीडिंग हो सकती है। वजन अधिक या कम होने से हार्मोन काम नहीं करते। ऐसे में पीरियड्स खुलकर नहीं आते। यदि आप अधिक जानना चाहते हैं तो इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। साथ ही, अपने वजन को संतुलित रखने की कोशिश करें।

3. असंतुलित ख़ान पान (Diet Routine)

पीरियड्स पर बुरा असर पड़ता है जब आप फास्ट फूड्स, कोल्ड ड्रिंक्स या दूसरे अनहेल्दी खाना खाते हैं, इससे शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता है। आपके पीरियड्स कम ब्लीडिंग होते हैं तो आपको अपनी खाने की अददात में बदलाव करना चाहिए। साथ ही, आपको शराब, सिगरेट या अन्य नशीली पदार्थों को पीना बंद कर देना चाहिए।

4. स्तनपान या ब्रेस्टफीडिंग के समय पीरियड्स रुक रुक के आ सकते है (Breast Feeding)

स्तनपान करने वाली महिलाओं का दूध बनाने वाला हार्मोन ओव्यूलेशन डेट बढ़ा देता है। पीरियड्स भी देरी से होते हैं जब ओव्यूलेशन देरी से होता है। लेकिन ब्रेस्टफीडिंग कराने के कुछ महीनों बाद पीरियड्स खुलने लगते हैं। आप भी पीरियड्स को जल्दी ला सकते हैं, लेकिन तरीकों को अपनाने से पहले एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।

5. अनवॉंटेड प्रेग्नेन्सी पिल्स है एक कारण (Pregnancy Pills)

बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने से भी पीरियड्स नहीं आते। जब बर्थ कंट्रोल पिल्स, पैच, रिंग या शॉट का उपयोग किया जाता है, तो एग यानी अंडा बनना बंद हो जाता है, जो यूटेरस में मोटी परत बनाता है।

इसके परिणामस्वरूप, पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग कम होती है। काफी लोगों को लगता है कि वे गर्भवती होने के बाद भी पीरियड्स लेते हैं लेकिन एसा नही है|

6.टेंशन या तनाव प्रमुख कारण है ( Stress)

तनाव पीरियड्स टाइम पे ना आनने का एक प्रमुख कारण है| तनाव में रहने से दिमाग में पीरियड्स से जुड़े हार्मोन बनते हैं। इससे या तो पीरियड्स देरी से आते हैं या खुलकर नहीं आते। अगर आपके पीरियड्स खुलकर नहीं आते हैं और आप बार-बार सोचते हैं कि पीरियड्स खुलने के लिए क्या करना चाहिए, तो सबसे अच्छा उपाय है तनाव से बचना।

7. हेवी एक्सरसाइज भी एक प्रमुख कारण है (Heavy Exercise)

एथलीट महिलाओं को व्यायाम करने से भी पीरियड्स नहीं आते। पीरियड खुलने पर आप अपनी जीवनशैली और खान-पान में सकारात्मक बदलाव कर सकते हैं। हैवी लिफ्टिंग के समय बेल्ट का उपयोग अवसय करे|

8. पीरियड्स में पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से ब्लड कम आता है ( Plasticity Ovary Syndrome)

पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से पीड़ित महिलाओं के पीरियड्स अनियमित होते हैं, जिससे कम ब्लड आता है। यहाँ एग मैच्योर होने की प्रक्रिया रुक जाती है, जिससे हार्मोनल बदलाव होते हैं और अनिमियत  पीरियड्स होते हैं।

पीरियड्स खुल के ना आने पर होने वाली महत्वपूर्ण जाँच (Reasons Of Irregular Periods, Symptoms, Tests)

डॉक्टर जांच करके पीरियड न आने का कारण खोजते हैं और उसका उपचार करते हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ निम्नलिखित परीक्षणों को करने का सुझाव दे सकते हैं:

ब्लड टेस्ट (Blood Test)

हार्मोन पीरियड्स को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डॉक्टर ब्लड टेस्ट की मदद से हार्मोन का संतुलन देखते हैं।

अल्ट्रा सोनोग्राम (Ultra Sound)

इस प्रक्रिया में एंडोमेट्रियम की परत का विश्लेषण किया जाता है। साथ ही, ओवेरी के साइज और ग्रोथ की पुष्टि की जाती है ताकि पीरियड्स खुलने या ब्लीडिंग कम होने के सटीक कारणों को पता लगाया जा सके।

एमआरआई (MRI)

बहुत कम केस में  एमआरआई की जाती है। डॉक्टर एमआरआई करने का सुझाव देते हैं जब दोनों टेस्ट रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं होते हैं।

डॉक्टर पीरियड्स खुलकर आने के लिए निम्नलिखित उपचार का उपयोग कर सकते हैं:

  • हार्मोन थेरेपी दी जाती है|
  • पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम में इंफर्टिलिटी ट्रीटमेंट, एंटी-हेयर ग्रोथ मेडिकेशन और बर्थ कंट्रोल पिल्स दी जाती हैं।
  • डॉक्टर  जांच रिपोर्ट नॉर्मल होने पर लाइफस्टाइल और खान-पान में सुधार करने का सुझाव देते है|

समापन (Conclusion)

इस लेख (Reasons Of Irregular Periods, Symptoms) के माध्यम से हमने देखा कि अनियमित पीरियड्स होना एक सामान्य समस्या नहीं है, बल्कि इसमें विभिन्न कारण हो सकते हैं जो हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। हमें इसे गंभीरता से लेकर, सही समय पर चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए।

अनियमित पीरियड्स के कारणों को समझकर, हम इस समस्या को ठीक करने के लिए उपयुक्त उपचार की दिशा में कदम रख सकते हैं। स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और स्थिर जीवनशैली को बनाए रखना इसमें मदद कर सकता है।

इसे याद रखना महत्वपूर्ण है कि पीरियड्स के मुद्दे को हल करने में समय लग सकता है, और इसलिए धैर्य रखना आवश्यक है। सबसे अच्छा है कि आप अपने चिकित्सक से संपर्क करें और अपनी स्वास्थ्य स्थिति का समीक्षण कराएं ताकि सही दिशा में कदम बढ़ाया जा सके।

समर्पित और सही देखभाल से, हम इस समस्या को सुलझा सकते हैं और एक स्वस्थ, सकारात्मक जीवन की दिशा में बढ़ सकते हैं।

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