Home Remedies For Thyroid Hypothyroidism

थायरॉइड बीमारी का कारण अस्वस्थ खान-पान और तनावपूर्ण जीवनशैली है। आयुर्वेद के अनुसार, थायरॉइड वात, पित्त और कफ से होता है। थायरॉइड शरीर में वात और कफ की बीमारी है। थायराइड एक गंभीर रोग है जिसमें थायराइड ग्लैंड, जो शरीर में मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करने का कार्य करता है, अनुपचित तरीके से काम करता है। इसके अस्तित्व को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह शरीर के कई प्रमुख प्रणालियों को प्रभावित कर सकता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम थायराइड के लक्षण, कारण, घरेलू उपचार और परहेज पर चर्चा करेंगे।

थायरॉइड क्या है? (What Is Thyroid?)

थायरॉइड एक ग्रंथि (gland) है जो आपके गले के नीचे स्थित होती है और थायरॉइड हॉर्मोन उत्पन्न करती है। थायरॉइड हॉर्मोन आपके शरीर में विभिन्न क्रियाओं को नियंत्रित करने में मदद करता है, जैसे कि ऊर्जा का उत्पादन, ऊर्जा का संरक्षण, गर्मी निर्गत करना, और शारीरिक विकास और विकास में सहायक होना।

थायरॉइड के दो प्रमुख हॉर्मोन हैं – थायरॉक्सीन (T4) और त्रायोदोथायरोनाइन (T3)। ये हॉर्मोन सीरीज़ ऑफ विभिन्न तंत्रिकाएँ नियंत्रित करके शरीर की ऊर्जा स्तर, तापमान, और अन्य अनुकूलित प्रक्रियाओं को संचालित करते हैं।

थायरॉइड की समस्याएं विभिन्न कारणों से हो सकती हैं, जिनमें थायरॉइड की अधिकता (हाइपरथायरॉइडिज्म) और थायरॉइड की कमी (हाइपोथायरॉइडिज्म) शामिल हैं। इन समस्याओं के कारण व्यक्ति को विभिन्न लक्षण और समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें थकान, ओजन में परिवर्तन, चिंता, और अन्य सामान्य लक्षण शामिल हो सकते हैं।

थायरॉइड हार्मोन का काम (How Thyroid Works in Hindi)

आपका शरीर थायरॉइड से ये फायदा होता हैः-

  • थायरोक्सिन (Thyroxine) हार्मोन वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के चयापचय को नियंत्रित रखता है।
  • यह रक्त में चीनी, कोलेस्ट्रॉल (Cholestrol) तथा फोस्फोलिपिड की मात्रा को कम करता है।
  • यह हड्डियों, पेशियों, लैंगिक तथा मानसिक वृद्धि को नियंत्रित करता है।
  • हृदयगति एवं रक्तचाप को नियंत्रित रखता है।
  • महिलाओं में दुग्धस्राव को बढ़ाता है।

थायरॉइड रोग के प्रकार (Thyroid Types)

  1. हाइपरथायरॉइडिज्म (Hyperthyroidism):
    • इसमें थायरॉइड ग्रंथि अधिक हॉर्मोन उत्पन्न करती है, जिससे शरीर की ऊर्जा स्तर बढ़ जाता है।
    • लक्षणों में तेजी से दिल की धड़कन, थकान, वजन कमी, अत्यधिक पसीना, चिंता, और अधिक बातचीत शामिल हो सकती हैं।
  2. हाइपोथायरॉइडिज्म (Hypothyroidism):
    • इसमें थायरॉइड ग्रंथि अपर्याप्त हॉर्मोन उत्पन्न करती है, जिससे शरीर की ऊर्जा स्तर घटता है।
    • लक्षणों में थकान, वजन बढ़ना, शीतलता, चिंता, और अन्य सामान्य समस्याएं शामिल हो सकती हैं।
  3. थायरॉइड नोड्यूल्स और गठियां (Thyroid Nodules and Growths):
    • थायरॉइड में छोटे गठियां या नोड्यूल्स हो सकते हैं, जो अक्सर बिना लक्षणों के होते हैं, लेकिन कई बार वे बढ़ सकते हैं और समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
  4. अविकासित थायरॉइड (Congenital Hypothyroidism):
    • जन्म के समय ही थायरॉइड की समस्या होने को अविकासित थायरॉइड कहा जाता है, जो शिशु के सामान्य विकास में बाधा डाल सकता है।

ये केवल कुछ प्रमुख थायरॉइड समस्याएं हैं और इसके अलावा भी कई और प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। सभी थायरॉइड समस्याओं के लिए व्यक्तिगत चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है, और इसे चिकित्सक से सलाह लेना उचित है।

थायरॉइड रोग होने के कारण (Thyroid Causes in Hindi)

  • आंतरजालीय कारण (Internal Factors):
    • आनुवंशिक प्रवृत्ति: थायरॉइड समस्याएं परिवार में आंतरजालीय हो सकती हैं।
    • यौगिक परिवर्तन: कुछ विशेष यौगिक परिवर्तन थायरॉइड को प्रभावित कर सकते हैं।
  • बाह्य कारण (External Factors):
    • आपदाएं या अस्वास्थ्यकर अवस्थाएं: अच्छे आहार, योग, और स्वस्थ जीवनशैली की कमी, तंतु मिश्रण और अशुद्ध जल, इन सभी आपदाओं या अस्वास्थ्यकर अवस्थाओं से जुड़े हो सकते हैं।
    • विषाणु या रेडिएशन का प्रभाव: अधिक रेडिएशन या विषाणु का संपर्क थायरॉइड को प्रभावित कर सकता है।
  • अन्य स्वास्थ्य समस्याएं:
    • ऑटोइम्यून स्थितियाँ: ऑटोइम्यून स्थितियाँ थायरॉइड को प्रभावित कर सकती हैं, जैसे कि हैशिमोटो थायराइटिस और ग्रेव्स रोग।
    • ऑटोइम्यून थायरॉइडिटिस: इसमें शरीर के खिलाफ खुदा-को नष्ट करने की प्रक्रिया हो सकती है, जिससे थायरॉइड समस्याएं हो सकती हैं।
  • अनुकूलन गलतियां और आहार:
    • योजना त्रुटियां: थायरॉइड के उत्पन्न हॉर्मोन्स पर प्रभाव डालने वाली आहार योजनाओं में त्रुटियां हो सकती हैं।
    • आवश्यक तत्वों की कमी: जैसे कि आयरन, योडीन, और सेलेनियम की कमी थायरॉइड को प्रभावित कर सकती है।
  • महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान थायरॉइड हार्मोन्स में असंतुलन देखा जाता है, क्योंकि इस समय महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव आते हैं।

थायरॉइड होने के अन्य कारण (Other Causes of Thyroid)

हाशिमोटो रोग (Hashimoto’s disease)

यह बीमारी थायरॉइड ग्रंथि के एक हिस्से को निक्रिय करती है।

आयोडीन की कमी (Deficiency Of Iodine)

हाइपोथायरायडिज्म, जो आहार में आयोडिन की कमी से होता है, इसलिए आयोडिन युक्त नमक का इस्तेमाल करना चाहिए।

ग्रेव्स रोग (Gravesdisease)

ग्रेव्स रोग व्यस्क लोगों में हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyrodism) होने का मुख्य कारण है। इस रोग में शरीर की रोग प्रतिक्षा प्रणाली ऐसे एंटीबायोडिट्स (Antibodies) का उत्पादन करने लगती है जो TSH को बढ़ाती है। यह अनुवांशिक बीमारी है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है।

गण्डमाला रोग (Goitre)

यह बीमारी घेंघा रोग, हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyrodism) हो सकता है।

विटामिन बी12 (Vitamin B12)

विटामिन बी12 के कारण भी हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyrodism) हो सकता है।

थायरॉइड रोग का घरेलू इलाज करने के उपाय (Home Remedies For Thyroid Hypothyroidism)

  • आहार में योजना (Balanced Diet):
    • सेलेनियम: अपने खानपान में सेलेनियम समृद्ध आहार शामिल करें, जैसे कि दाल, खाद्य सूचियाँ, नट्स, और मीट।
    • जिंक: बीफ, डालें, बीन्स, सीड्स, और डेयरी उत्पादों में जिंक का सही मात्रा में शामिल करें|
    • आयरन: अपने आहार में पालक, टमाटर, मेयने, अंडे शामिल करें।
    • विटामिन D: दूध, योगर्ट, मछली, और विटामिन D से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
    • विटामिन B12: दूध, दही, मीट, और अंडे विटामिन B12 से भरपूर हैं।
  • सौर उर्जा (सूर्य की किरणें):
    • सुबह के समय सूर्य की किरणों में रहने का प्रयास करें, जिससे आपको विटामिन D मिल सके।
    • यह लगभग 15-20 मिनट के लिए करें, लेकिन ध्यान रखें कि यह अधिक नहीं होना चाहिए।
  • योग और प्राणायाम:
    • योग और प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें, जो थायराइड के लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं।
    • इससे स्ट्रेस कम होता है और थायराइड को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
  • औषधियाँ:
    • गुग्गुल: गुग्गुल को थायराइड के लिए लाभकारी माना जाता है, लेकिन इसका सही मात्रा में उपयोग के लिए चिकित्सक से परामर्श करें।
    • अश्वगंधा: यह स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकता है, जो थायराइड के लिए महत्वपूर्ण है।
    • शिलाजीत: इसे थायराइड के स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक माना जाता है।
  • स्ट्रेस प्रबंधन:
    • स्ट्रेस को कम करने के लिए ध्यान, योग, और प्राणायाम का अभ्यास करें।
    • योगाभ्यास जैसे शावासन, अनुलोम-विलोम, और भ्रामरी स्ट्रेस को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।

1. सेलेनियम

सेलेनियम (Selenium) एक खनिज तत्व है जो पृथ्वी की खोज के दौरान पाया जा चुका है। इसका रासायनिक प्रतीक Se है और इसका परमाणु संख्या 34 है। सेलेनियम एक नॉनमेटलिक तत्व है और यह धातुओं और अन्य खनिज तत्वों के साथ जुड़कर विभिन्न यौगिकों बनाने में उपयोग होता है।

सेलेनियम का एक महत्वपूर्ण उपयोग है इसका हाथीदंतु (selenium sulfide) के रूप में, जो रोगियों को कुष्ठरोग (dandruff) और चर्मरोग (skin diseases),थायराइड से निजात प्रदान करने के लिए शैम्पू और औषधि में उपयोग होता है। सेलेनियम एक ऊर्जा स्तरकर्शक (antioxidant) भी है, जिससे शरीर को कई प्रकार के रोगों से बचाव में मदद मिलती है।

एक और महत्वपूर्ण प्रयोग सेलेनियम का है कमी जिन्दगी (selenosis) का रोग को रोकने में। जब इसे अधिक मात्रा में लिया जाता है, तो यह किसी की सेहत को प्रभावित कर सकता है। सेलेनियम की सही मात्रा में लेना आवश्यक है ताकि इसके सकारात्मक लाभों का उपयोग किया जा सके।

2. जिंक (Zinc)

जिंक (Zinc) एक महत्वपूर्ण खनिज है जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक होता है। यह विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं में सहायक होता है, जैसे कि इम्यून सिस्टम का समर्थन करना, ऊर्जा उत्पन्न करना, और ऊर्जा का सही तरीके से उपयोग करना।

थायरॉइड एक ग्लैंड है जो शरीर की मेटाबोलिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करती है, जैसे कि ऊर्जा उत्पन्न करना और उपभोक्ता करना। जिंक का सही मात्रा में लेना थायरॉइड के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह थायरॉइड हॉर्मोनों के उत्पन्न होने में मदद कर सकता है।

3. सूरज की किरणों का उपयोग थायरॉयड के लिए (Sunlight)

  1. सुबह की किरणें: सुबह के समय कुछ समय सूर्य की किरणों में बाहर बिताएं।
  2. विटामिन डी उत्पादन: सूर्य की किरणों से बॉडी में विटामिन डी उत्पन्न होता है, जो थायरॉयड स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। विटामिन डी इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करने और थायरॉयड कार्य पर प्रभाव डाल सकता है।
  3. नियमितता: सूर्य किरणों को अपने दिनचर्या का एक नियमित हिस्सा बनाएं। हालांकि, सूर्य की किरणों से अधिक समय तक अपने आप को संघटित करने से बचें, खासकर जब सूर्य सबसे तेज़ होता है।

4. गुग्गुल

गुग्गुल, जो कि गुग्गुलु (Guggulu) भी कहा जाता है, एक पौष्टिक और औषधीय पौधा है जो आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग होता है। यह थायरॉयड रोगों के इलाज में मदद करने के लिए भी उपयोगी हो सकता है। गुग्गुल का उपयोग थायरॉयड के लिए घरेलू नुस्खों में शामिल किया जा सकता है। यहां एक सामान्य घरेलू नुस्खा है जिसमें गुग्गुल का उपयोग किया जा सकता है:

गुग्गुल का घरेलू नुस्खा:

सामग्री:

  1. गुग्गुल की गोंद (Guggul resin): 500 मिलीग्राम
  2. त्रिफला चूर्ण (Triphala powder): 1 चमच

तैयारी और सेवन:

  1. गुग्गुल की गोंद को पाउडर बनाएं।
  2. एक कटोरी में गुग्गुल पाउडर और त्रिफला चूर्ण मिलाएं।
  3. इस मिश्रण को रोजाना खाली पेट गुल्गुलुप्ति (Gulgulupty) नामक दवा की तरह सेवन करें।

कृपया ध्यान दें कि यह सामान्य जानकारी है और किसी भी नए उपचार या औषधि का सेवन करने से पहले आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

5. अश्वगंधा (Ashwagandha)

अश्वगंधा (Ashwagandha) एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में उपयोग किया जाता है। यह तनाव को कम करने, मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने, ऊर्जा बढ़ाने और शारीरिक क्षमता को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। अश्वगंधा का थाइरॉइड से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं में भी उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इसका उपयोग किसी भी रोग के लिए सलाह लेने से पहले एक चिकित्सक से परामर्श करना उचित है।

यदि आप अश्वगंधा का उपयोग थाइरॉइड समस्याओं के लिए करना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित घरेलू नुस्खा आजमा सकते हैं:

अश्वगंधा पाउडर का काढ़ा:

  1. एक चमच अश्वगंधा पाउडर को एक कप पानी में मिलाएं।
  2. इसे अच्छे से मिला लें और उबालने दें।
  3. जब यह काढ़ा एक कप तक बच जाए, तो इसे ठंडा करें और छलन के माध्यम से निकालें।
  4. इस काढ़े को खाली पेट लें, सुबह और शाम में।

6. शिलाजीत (Shilajeet)

शिलाजीत को आयुर्वेदिक चिकित्सा में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे सेहत के लाभ के लिए उपयोग किया जाता है। शिलाजीत में विभिन्न पोषक तत्व जैसे कि मिनरल्स, विटामिन्स, एमिनो एसिड्स, और फुल्विक एसिड्स होते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। हालांकि, यह हमेशा अच्छा रहता है कि आप अपने चिकित्सक से सलाह लें, खासकर यदि आप थायरॉयड संबंधित समस्याएं देख रहे हैं।

शिलाजीत को थायरॉयड रोगियों के लिए घरेलू नुस्खे में शामिल किया जा सकता है, लेकिन यह मुख्य चिकित्सक की सलाह लेने के पहले ही उपयोग किया जाना चाहिए। यहां एक सामान्य रूप से उपयोग किया जाने वाला घरेलू नुस्खा है:

शिलाजीत का पेस्ट:

  1. शिलाजीत पेस्ट बनाने के लिए, शिलाजीत को साफ पानी में घोलकर एक पेस्ट बनाएं।
  2. इस पेस्ट को रोजाना एक चमच गर्म पानी के साथ लें।

ध्यान दें कि यह सामान्य सुझाव है और व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियों के आधार पर इसका उपयोग किया जाना चाहिए। थायरॉयड संबंधित समस्याओं के लिए उपचार के लिए चिकित्सक की सलाह का पालन करें और उनके निर्देशों का पालन करें।

समापन (Conclusion) :

समापन में, थायराइड समस्याएँ गंभीर हो सकती हैं और इसका सही उपचार चिकित्सक के साथ विचार करना आवश्यक है। हालांकि, स्वस्थ आहार, सूर्य की किरणों के साथ समय बिताना, योग, और कुछ शानदार औषधियों का सही रूप से उपयोग करके, हम अपने थायराइड के स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं। यह सभी सुझाव सामान्य जानकारी पर आधारित हैं और व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर चिकित्सक की सलाह के साथ अनुसरण करना चाहिए। साथ ही, योग्य चिकित्सक से परामर्श लेकर आप अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का सही से सामना कर सकते हैं और सही इलाज का निर्धारण कर सकते हैं।

ऐसी और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के लिए बने रहिए homeremediesdoctor.com के साथ धन्यवाद!

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