Dhaage Se Bawaseer Ka Ilaj In Hindi

Dhaage Se Bawaseer Ka Ilaj In Hindi| – आज के समय में बवासीर से पीड़ित इंसानो की संख्या बहुत ज्यादा हो गई है, अगर आप धागे से बठासीर का इलाज सर्च कर रहे है तो यह पेज आपके लिए फायदेमंद हो सकता है| इस पेज में धागे से बवासीर का इलाज के बारे में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने की कोशिश करेंगे, बवासीर की समस्या से पीड़ित इंसान अपनी परेशानी से जल्द से जल्द छुटकारा पाना चाहता है| बवासीर की परेशानी से छुटकारा पाने के लिए आप बवासीर की दवा, बवासीर के लिए लेजर सर्जरी या बवासीर के घरेलू उपाय अपना सकते है, आज हम आपको बवासीर के मस्सो को समाप्त करने के लिए ऐसा उपाय बता रहे है जिसे आप बवासीर का सबसे आसान और अच्छा उपाय कह सकते है|

धागे से बवासीर का इलाज को आप बवासीर का सबसे प्राचीन उपाय भी कह सकते है, कुछ लोगो का मानना है की यह विधि कई सौ साल पुरानी है, इस विधि के काफी सारे फायदे भी है और धागे से पाइल्‍स का इलाज कराने ना तो किसी प्रकार कट लगता है और ना ही ज्यादा खर्चा आता है| आयुर्वेद में बवासीर का इलाज करने का सबसे आसान उपाय धागे को ही माना जाता है यह विधि इतनी अच्छी है की काफी सारे आयुर्वेदिक डॉक्टर इसी विधि से बवासीर का इलाज करते है| हालाँकि इस विधि के बारे में काफी इंसान कुछ भी नहीं जानते है|

ऐसे इंसान जिन्हे इस विधि के बारे में जानकारी नहीं होती है वो अपने फ्रेंड्स से इसके बारे में जानकारी प्राप्त करते है या इंटरनेट पर क्षार सूत्र या धागे से बवासीर का इलाज, क्षार सूत्र कया है? क्षार सूत्र कैसे बनता है? क्षार सूत्र या धागा बनाने में कौन कौन सी जड़ी बूटियो का उपयोग किया जाता है? क्षार सूत्र या धागे से बवासीर का इलाज कैसे करें? क्षार सूत्र या धागे से बवासीर का इलाज बताओ, What is Kshar Sutra Treatment For Piles in Hindi, Dhage Se Piles Ka Ilaj Kese kre? इत्यादि लिखकर सर्च करते है| चलिए अब हम आपको धागे से बवासीर के इलाज के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है, लेकिन उससे पहले हम आपको क्षार सूत्र ट्रीटमेंट क्या है? कैसे किया जाता है? के बारे में बताते है –

क्षार सूत्र ट्रीटमेंट क्या होता है? | Kshar Sutra Treatment For Piles In Hindi

क्षार सूत्र ट्रीटमेंट आयुर्वेद का उपाय है जिससे बवासीर के मस्सो को समाप्त किया जाता है, इस प्रक्रिया में एक धागा लिया जाता है जिसे क्षार सूत्र कहा जाता है| इस धागे से बवासीर का इलाज होता है, इस धागे का निर्माण कई जड़ी-बूटियों की मदद से किया जाता है| आयुर्वेद की यह विधि काफी ज्यादा असरदायक होती है, ऐसा बताया जाता है क्षार सूत्र के बारे में आयुर्वेद के महान चिकित्सक शुश्रुत और चरक ने भी बताया है। क्षार सूत्र से पाइल्‍स का इलाज (Dhaage Se Bawaseer Ka Ilaj ) भारत के साथ साथ कई अन्य देशों में भी किया जाता है| चलिए अब हम आपको क्षार सूत्र बनाने की विधि के बारे में बताते है –

क्षार सूत्र बनाने की विधि या तरीका | Dhage Se Bawaseer Ka Ilaj

क्षार सूत्र से बवासीर का इलाज करने में अहम्‌ भूमिका धागे की होती है, इस धागे में इतनी शक्ति होती है की यह मस्सो को सूखा देता है| हालाँकि इस धागे को बनाना इतना आसान नहीं है चलिए हम आपको बताते है की इस धागे का निर्माण कैसे किया जाता है| सबसे पहले सनी यानी का एक धागा लिया जाता है, इस धागे का साइज 20 का सर्जिकल प्रेड का इस्तेमाल होता है| क्षार सूत्र बनाने के लिए तीन महत्वपूर्ण जड़ी बूटियो की जरुरत होती है जिनके नाम निम्न प्रकार है –

  • खुही लेटेक्स (Euphorbia Neriifolia) – क्षार सूत्र बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली पहली जड़ी बूटी है और इसे सेंहुड़ा के नाम से भी जाना जाता है|
  • अपमार्ग क्षार (Achyranthes Aspera) – कुछ जगहों पर इस जड़ी बूटी को चिरचिटा के नाम से पुकारा जाता है|
  • हरिद्रा चूर्ण (Turmeric Powder) – इस जड़ी बूटी को हल्दी पॉउडर कहा जाता है और हल्दी पॉउडर का इस्तेमाल सभी घरो में किया जाता है|

Dhage Se Piles ka Ilaj करने के लिए सबसे पहले धागा तैयार किया जाता है, सबसे पहले लिनन साइज 20 का धागा लेकर उस पर सही लेटेक्स जड़ी बूटी का लेप किया जाता है। फिर एक ऐसी केबिनेट ली जाती है जिसमे अल्ट्रावोइलेट लैंप लगा होता है, इस केबिनेट में खूही लेटेक्स का लेप लगा धागा इस तरह रखा जाता है की धागे पर अल्ट्रावोइलेट किरणे सीढ़ी पड़ें। अल्ट्रावोइलेट किरणों का सबसे बड़ा फायदा यह है की किरणों की वजह से धागे को कोई भी बैक्टीरिया प्रभावित नहीं कर पाता है, उसके बाद जब यह धागा सूख जाता है तो इस धागे को केबिनेट से निकाल लिया जाता है|

फिर इस सूखे हुए धागे पर एक बार फिर खूही लेटेक्स का एक लेप किया जाता है और लेप करने के बाद केबिनेट में रख देते है, इसी तरह से धागे पर सूही लेटेक्स जड़ी बूटी का लेप बार किया जाता है| जब । बार रही लेटेक्स का लेप हो जाता है तो उसके बाद 12वीं कोर्टिंग में सबसे पहले धागे को खूही लेटेक्स का लेप करते है फिर उसके बाद धागे पर अच्छी तरह से अपमार्ग क्षार या चिरचिटा पॉउडर लगा देते है।

फिर धागे को केबिनेट में रख देते है, जब धागा सूख जाता है तो फिर यही प्रक्रिया 7 बार दोहराते है, जब कोटिंग पूरी हो जाती है तो 19वीं कोटिंग में धागे को सबसे पहले खूही लेटेक्स में भिगोते है उसके बाद हरिद्रा चूर्ण में लपेट देते है, फिर इस धागे को केबिनेट में सूखने के लिए रख देते है, इस प्रक्रिया को केवल दो बार किया जाता है| इस प्रकार उस धागे पर 21 बार जड़ी-बूटियों का लेप हो जाता है इस धागे को बनाने में लगभग । महीना का समय लग जाता है।

धागे से बवासीर का इलाज करने की विधि | Kshar Sutra Treatment For Piles In Hindi

ऊपर आपने जाना की क्षार धागे का निर्माण किस तरह किया जाता है, चलिए अब हम आपको धागे से बवासीर का इलाज (Dhaage Se Bawaseer Ka Ilaj In Hindi) कैसे किया जाता है, इसकी जानकारी देते है| इलाज करने से पहले मरीज को डॉक्टर निर्देश देता है की प्राइवेट पार्ट या गुदा के आस पास के बाल अच्छी तरह से साफ़ कर लें, बाल हटाने के लिए डॉक्टर आपको क्रीम भी दे सकता है, उसके बाद मरीज को अपनी गुदा के आसपास के बालो को बिलकुल साफ़ करना होता है फिर बाल साफ़ करने के बाद मरीज डॉक्टर के पास जाता है|

धागा बांधने से लगभग 6 या 7 घंटे पहले आपको किसी भी चीज का सेवन नहीं करना होता है, उसके बाद जब मरीज क्षार प्रक्रिया के लिए जाता है तो सबसे पहले मरीज को दार्द और जलन की परेशानी ज्यादा हो इसके लिए मरीज के गुदा के अंदर यष्टिमधु तेल में डूबा चैक रख देते है और कुछ डॉक्टर मरीज को जनरल, लोकल या स्पाइनल एनेस्थीसिया दे देते है।

फिर चिकित्सक क्षार धागा लेते है और उस धागे को बवासीर के मस्सो पर अच्छी तरह से बांध देते है, धागा मस्सों पर बांधने से मस्सो में होने वाला ब्लड फ्लो रुक जाता है, ब्लड फ्लो ना होने की वजह से धीरे धीरे मस्से सूखने लगते है और लगभग 8 से 10 दिनों के अंदर मस्से सूखकर अपने आप झड़ जाते है।

उसके बाद घाव को भरने में या सही होने भग 8 से 12 दिनों का समय लगता है, आप ऐसे भी समझ सकते है की धागे से बवासीर का इलाज करने में लगभग एक महीने का समय लगता है| Dhaage Se Bawaseer Ka Ilaj In Hindi कराने का सबसे बड़ा फायदा यह है की इस विधि से इलाज कराने के बाद दोबारा बवासीर होने की सम्भावना बहुत ज्यादा कम होती है और इसमें सर्जरी के मुकाबले काफी कम खर्च आता है|

क्षार सूत्र या धागे से बवासीर का इलाज कराने के बाद सावधानियां

Dhaage Se Bawaseer Ka Ilaj In Hindi कराने के बाद चिकित्सक आपको कुछ सावधानियां बरतने की सलाह देता है अगर आप वो सावधानियां नहीं रखते है तो आपको परेशानी हो सकती है| क्षार विधि होने के बाद पीड़ित को पानी प्रचुर मात्रा में पीना चाहिए, लगभग दस से पंद्रह दिन किसी भी प्रकार का वजन नहीं उठाना चाहिए, घाव भरने के लिए क्रीम दी जा सकती है जिसे सही समय पर जरूर लगाएं इत्यादि सावधानियो का ख्याल रखें|

क्षार सूत्र में कितना खर्च लगता है|

ऊपर आपने पड़ा की क्षार धागा कैसे बनाया जाता है और धागे से बवासीर का इलाज कैसे होता है? अधिकतर इंसानो के मन में यह सवाल होता है क्षार धागे से इलाज कराने में कितना खर्च आ जाता है| तो हम आपको बता दें लेजर सर्जरी से बवासीर का इलाज कराने में आने वाले खर्च से काफी कम पैसा क्षार विधि में लगता है, बाकी अलग अलग शहर या डॉक्टर के पैसे अलग होते है| अगर हम एक बेसिक आईडिया की बात करें तो क्षार विधि से इलाज कराने में लगभग 10 से 15 हजार रूपए तक का खरच आ जाता है|

क्षार सूत्र या धागे से बवासीर का इलाज के दौरान कया खाना चाहिए और कया नहीं खाना चाहिए

यह तो हम सब भली भाँती जानते ही है की जब किसी भी इंसान को किसी भी प्रकार की बिमारी हो जाती है तो उसे अपने खान पीन का ख्याल रखना बहुत जरुरी है अगर इंसान परहेज नहीं करता है तो बिमारी बड़ सकती है| ऐसे ही क्षार विधि से इलाज कराने पर खान-पान का ध्यान रखना जररी है। क्षार सूत्र या धागे से बवासीर का इलाज कराने वाले इंसान को ऐसा भोजन करना चाहिए जो हल्का हो और पचने में आसान हो, हरी और ताज़ी सब्जियों का सेवन करें, सलाद और फलो का सेवन करना चाहिए| इसके अलावा तला-भुना भोजन नहीं खाना चाहिए, मल त्यागते समय जोर नहीं लगाना चाहिए, मांस और मछली का सेवन ना करें|

क्षार सूत्र & धागे से बवासीर का इलाज के फायदें | Advantages Of Kshar Sutra Treatment In Piles

क्षार विधि को लगभग 3000 साल से ज्यादा पुरानी आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्दति माना जाता है। इस विधि में खर्चा काफी कम आता है इसीलिए ऐसे इंसान जो सर्जरी और महंगा इलाज कराने में असर्थ होते है उनके लिए क्षार विधि सबसे बेहतर विकल्प होता है| इस विधि (Dhaage Se Bawaseer Ka Ilaj In Hindi) में इंसान को ज्यादा दवा का सेवन भी नहीं करना पड़ता है, इलाज के बाद पीड़ित को ज्यादा सावधानियां भी नहीं करनी पड़ती है।

निष्कर्ष –

हम आशा करते है की आपको हमारे लेख धागे से बवासीर का इलाज या Dhaage Se Bawaseer Ka Ilaj In Hindi में दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी,लेकिन किसी भी कारणवश अगर आप हमारे द्वारा दी गई जानकारी से संतुष्ट नहीं तो आप गूगल या बिंग पर धागे से बवासीर का इलाज या Dhaage Se Bawaseer Ka Ilaj In Hindi लिखकर सर्च कर सकते है|

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