आयुर्वेदिक चिकित्सा: गुर्दे की पथरी का आयुर्वेदिक ईलाज

किडनी स्टोन वास्तव में गुर्दे में बनने वाली कठिन पदार्थों के आकार और मात्रा की समस्या होती है। ये पथरी तीव्र दर्द की वजह बन सकती है

इस समय, आहार में प्रमुख आहारों की आवश्यकता होती है। इसमें फल, सब्जियां, स्वादिष्ट और स्वास्थ्यप्रद तेल, हरे पत्तेदार सामग्री और बियर का सेवन शामिल होता है।

गुर्दे की पथरी रोगियों के लिए उचित हाइड्रेशन एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू है। पानी की मात्रा का संतुलन रखना शरीर से अतिरिक्त यूरिक ऐसिड को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है

आयुर्वेदिक चिकित्सा में, गोक्षुरादि पथ्यादि चूर्ण, पथरी चुटकुलेय चूर्ण, व्रत विलंबकारी रस और अन्य जड़ी-बूटियाँ पथरी के इलाज के लिए प्रयोग किए जाते हैं।

योग और प्राणायाम का नियमित अभ्यास करना गुर्दे की पथरी को कम करने और रोकने में मदद कर सकता है। योग और प्राणायाम मार्गदर्शक और संतुलन को सुधारकर विश्राम की स्थिति प्रदान कर सकते हैं

सही आहार का पालन करें जैसे कि प्रोटीन संपन्न खाद्य पदार्थों का सेवन करें और चीनी, अन्य मिठाईयों, और गैस्ट्रॉनॉमिकल प्रोब्लम्स वाले उत्पादों से बचें।

आयुर्वेदिक चिकित्सा: गुर्दे की पथरी का आयुर्वेदिक ईलाज