Ayurvedic Medicine For Kidney Stone: आयुर्वेद एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है जो हमारे शरीर को स्वस्थ और संतुलित रखने का ज्ञान प्रदान करती है। यह चिकित्सा पद्धति हमारे शरीर को स्वाभाविक रूप से ठीक करने के लिए पोषण, आहार, ध्यान, औषधि, और जीवनशैली के महत्व पर जोर देती है। आज के लेख में, हम आयुर्वेदिक चिकित्सा के माध्यम से गुर्दे की पथरी के उपचार पर बात करेंगे और इससे जुड़े महत्वपूर्ण सवालों का समाधान देंगे।
गुर्दे की पथरी क्या है? What Is Kidney Stone
गुर्दे की पथरी या किडनी स्टोन होना आजकल काफी आम हो गया है। किडनी स्टोन वास्तव में गुर्दे में बनने वाली कठिन पदार्थों के आकार और मात्रा की समस्या होती है। ये पथरी तीव्र दर्द की वजह बन सकती है और किडनी विकार का कारण बन सकती है। पथरी रोग में उच्च प्रोटीन, कैल्शियम, ओक्सेलेट, आदि तत्वों के सेवन से बचना चाहिए।
गुर्दे की पथरी: पथरी होने के कारण – Reasons Of Kidney Stone
पित्तशामक आहार
आयुर्वेदिक में पित्त एक दोष है जो शरीर में असंतुलन पैदा कर सकता है। पित्तशामक आहार जैसे कि मसालेदार भोजन, तले हुए खाने, जंक फ़ूड, शराब, गुटका, तम्बाकू, आदि का अधिक सेवन गुर्दे की पथरी के कारण बन सकता है।
पानी की कमी
पानी की अपेक्षाकृत कमी गुर्दे में क्रिस्टल पदार्थों के बनाने की कार्यता को प्रभावित कर सकती है। अनुशंसित रूप से प्रतिदिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए।
पथरी का निर्माण
गुर्दे के विभिन्न पदार्थों में एक साथ मिलकर कठोर इमारतों की रूप में जमा होने पर पथरी का निर्माण होता है। यह राशि कैल्शियम, ऑक्सेलेट, सिस्टीन, यूर्सिक एसिड, आदि जैसी सामग्री के रूप में हो सकती है।
पथरी के लक्षण – Symptoms Of Kidney Stone
पेशाब में रक्त
पथरी से पीड़ित व्यक्ति के मूत्र में रक्त हो सकता है, जो आंतरिक या बाह्य घाव के कारण हो सकता है।
पेशाब में दर्द
पथरी से पीड़ित व्यक्ति को पेशाब करते समय दर्द होता है, जो कई बार तेजी से बदलता है।
पेशाब रुकावट
पथरी के कारण पेशाब में रुकावट हो सकती है या रुकावट के कारण ज्यादा पेशाब की आवश्यकता हो सकती है।
घर्षण या चुभन
गुर्दे की पथरी मूत्रमार्ग में जाकर या अन्य अंगों के साथ घर्षण या चुभन का कारण बन सकती है।
पथरी की संभावित समस्याएं
मूत्र संक्रमण
पथरी के किसी भी पदार्थ के कारण मूत्र मार्ग में संक्रमण हो सकता है, जो बुखार, और पेशाब के दौरान तेज दर्द के साथ मानसिक और शारीरिक बेचैनी का कारण बन सकता है।
खूनी पेशाब
गुर्दे की पथरी, जिसे यूरिक ऐसिड की जमावट के कारण दाहिने पेशाब में दर्द और खून आने के साथ संकेत किया जाता है, एक उत्तेजना का कारण हो सकती है। यह स्वाभाविक है कि इस समस्या के साथ अपने दैनिक गतिविधियों में अस्थायी बंधें आएँगी। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम इस समस्या का आयुर्वेदिक इलाज आवश्यक जानकारी के साथ विचार करें।
आयुर्वेदिक चिकित्सा ट्रीटमेंट – Ayurvedic Medicine For Kidney Stone
1. पथरी का प्रमुख उपचार: आहार
गुर्दे की पथरी से पीड़ित व्यक्ति को सही आहार का पालन करना चाहिए। (Ayurvedic Medicine For Kidney Stone) इस समय, आहार में प्रमुख आहारों की आवश्यकता होती है। इसमें फल, सब्जियां, स्वादिष्ट और स्वास्थ्यप्रद तेल, हरे पत्तेदार सामग्री और बियर का सेवन शामिल होता है।
2. पानी की मात्रा का महत्व
गुर्दे की पथरी रोगियों के लिए उचित हाइड्रेशन एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू है। पानी की मात्रा का संतुलन रखना शरीर से अतिरिक्त यूरिक ऐसिड को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। यह यूरिक ऐसिड की जमावट साफ़ करके पथरी के जोखिम को काम कर सकता है।
3. धूप सेकना, स्नान करना
गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए, आयुर्वेदाचार्यों ने 3. धूप सेकना, स्नान करना को भी सलाह दी है। ये विभिन्न आयुर्वेदिक प्रक्रियाएं आपके शरीर के उपादानों को संतुलित रखने में मदद करती हैं और पथरी के इलाज में सहायक हो सकती हैं।
4. पथरी के लिए जड़ी-बूटियाँ और औषधि
आयुर्वेदिक चिकित्सा में, गोक्षुरादि पथ्यादि चूर्ण, पथरी चुटकुलेय चूर्ण, व्रत विलंबकारी रस और अन्य जड़ी-बूटियाँ पथरी के इलाज के लिए प्रयोग किए जाते हैं। इनमें मौजूद औषधियों के गुणों का सार्वजनिक निरीक्षण करना महत्वपूर्ण है।
5. गोंद
गोंद एक प्राकृतिक औषधीय पदार्थ है जो गुर्दे के पथरी के इलाज में प्रयोग होता है। इसमें मूख्य तत्व सुगंधित गोंद होता है जो क्रिस्टलीन धातु से बना होता है। गोंद गुर्दे के पथरी को तोड़ता है और इसे प्राकृतिक ढंग से बाहर निकालता है। इसके साथ ही, गोंद गुर्दे की संक्रमण प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है, जिससे संक्रमण से बचा जा सकता है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि गोंद का नियमित सेवन करने से गुर्दे मजबूत हो जाते हैं और पथरी के विकास का खतरा कम हो जाता है।
6. हरबल औषधियाँ
गुर्दे की पथरी के लिए आयुर्वेद में विभिन्न हेरबल औषधियाँ भी प्रयोग की जाती हैं। कुछ मशहूर हरबल औषधियाँ जो इस समस्या को नष्ट करने में मदद कर सकती हैं वे हैं:
- पाशानभेद (बरंच)
यह जड़ी बूटी गुर्दे को स्वस्थ रखने में मदद करती है और पथरी को तोड़ने में सहायता पहुंचाती है। यह जड़ी बूटी गुर्दे के पथरी के संक्रमण को भी रोकने में मदद करती है।
- कुटकी (क्यौंटलमा इंडिकम)
कुटकी एक प्राकृतिक गोली है जो गुर्दे की पथरी को तोड़ने में मदद करती है। इसे आयुर्वेद में एन्टी-इंफ्लेमेटरी औषधि के रूप में भी जाना जाता है जो गुर्दे की संक्रमण को रोकती है।
7. प्राकृतिक चिकित्सा और पौधों के प्रयोग
गुर्दे की पथरी रोगियों के लिए चांदनवारी, नेपाल निम्ब, यवधान, भुम्यामलकी, पशानभेद, आंवला और हरड़ जैसे प्राकृतिक पौधों का प्रयोग किया जा सकता है। इन पौधों में पोषण और शुद्धता की गुणवत्ता होती है, जो गुर्दे के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा के साथ स्वस्थ जीवनशैली
पर्याप्त पानी पीना
गुर्दे की पथरी में स्वस्थ जीवनशैली का महत्वपूर्ण भूमिका होती है।(Ayurvedic Medicine For Kidney Stone) पर्याप्त पानी पीना शरीर के उपादानों को स्वस्थ बनाने में मदद करता है और पथरी के जोखिम को कम करके किडनी के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
औषधि का नियमित सेवन
आयुर्वेदिक चिकित्सा के साथ में नियमित रूप से औषधियों का सेवन करना भी महत्वपूर्ण है। इससे गुर्दे की पथरी के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है और शरीर को स्वस्थ रखने में सहायता मिल सकती है।
गुर्दे की पथरी के लिए आयुर्वेदिक उपचारों के फायदे
आयुर्वेदिक चिकित्सा गुर्दे की पथरी के लिए स्थायी और प्राकृतिक उपचार प्रदान करती है। इसके फायदे निम्नलिखित हैं:
गुर्दे की सफाई: आयुर्वेदिक औषधियों में मूत्राशय और गुर्दे की सफाई को बढ़ावा देने वाले उपचार शामिल होते हैं। इन उपचारों का गुर्दे की पथरी को नष्ट करने में मदद मिलती है।
गुर्दे के विकार का शमन: आयुर्वेद में गुर्दे के विकारों को ठीक करने के लिए विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियों का प्रयोग किया जाता है जो दोषों का शमन करती हैं और गुर्दे के स्वास्थ्य को सुधारती हैं।
प्रणायाम और योग: योग और प्राणायाम का नियमित अभ्यास करना गुर्दे की पथरी को कम करने और रोकने में मदद कर सकता है। योग और प्राणायाम मार्गदर्शक और संतुलन को सुधारकर विश्राम की स्थिति प्रदान कर सकते हैं।
स्वस्थ किडनी के रखरखाव के तरीके
गुर्दे की पथरी से बचने के लिए आप निम्नलिखित संतुलित जीवनशैली और आहार के तरीकों को अपना सकते हैं:
प्राकृतिक औषधियों का उपयोग: प्राकृतिक औषधियाँ गुर्दे की स्वस्थता को सुधारने में मदद कर सकती हैं। कुछ आयुर्वेदिक पौधे जैसे कीटकारी, पथरचट्टा और गोक्षुर के माध्यम से गुर्दे की पथरी का इलाज किया जा सकता है।
हाइड्रेशन: पानी की पर्याप्त मात्रा में संतुलित रहना गुर्दे की स्वस्थता के लिए महत्वपूर्ण है। रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने से गुर्दे में मूत्र बनाने की सम्भावना बढ़ जाती है और पथरी जैसी समस्याओं को रोका जा सकता है।
स्वस्थ आहार: स्वस्थ और संतुलित आहार गुर्दे की स्वस्थता को बनाए रखने में मदद करता है। आपको पूरे परिपक्व अनाज, सब्जियाँ, फल, औषधीय पौधे और दूध जैसे पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने की आवश्यकता होगी। आहार गुर्दे की पथरी से बचने और इसे नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पथरी रोग में उच्च प्रोटीन, कैल्शियम, ओक्सेलेट, आदि तत्वों के सेवन से बचना चाहिए। साथ ही, पूरे अनाज, सब्जियाँ, फल, नट्स, और अभ्यंग (ऑलिव oil, तिल oil या घी) की सलाद खाना चाहिए जो गुर्दे की स्वस्थता को बढ़ाता है और पथरी के विकास को रोकता है। बैक्टीरिया के नियमित सेवन से भी गुर्दे का स्वास्थ्य बना रहता है और संक्रमण से बचाता है। साथ ही, हमेशा पानी की कमी से बचे ताकि गुर्दे में मूव वेदना की स्थिति ना हो।
निष्कर्ष
आयुर्वेदिक दवाइयों का उपयोग करके और सही आहार को लेकर, आप गुर्दे की पथरी से बच सकते हैं और इसे नष्ट कर सकते हैं। इसलिए, यदि आपको गुर्दे की पथरी होती है या आप इससे बचने के लिए सतर्क रहना चाहते हैं, तो आयुर्वेदिक चिकित्सा की एक निम्नलिखित उपायों का पालन करें:
- आयुर्वेदिक दवाइयाँ लें जैसे कि गोंद और हरबल औषधियाँ।
- सही आहार का पालन करें जैसे कि प्रोटीन संपन्न खाद्य पदार्थों का सेवन करें और चीनी, अन्य मिठाईयों, और गैस्ट्रॉनॉमिकल प्रोब्लम्स वाले उत्पादों से बचें।
- पानी की पर्याप्त मात्रा पिएं।
इन उपायों का पालन करके, आप अपनी सेहत को स्वस्थ रख सकते हैं और गुर्दे की पथरी से निजात पा सकते हैं।
आवश्यक सवालों का समाधान
क्या आयुर्वेदिक चिकित्सा गुर्दे की पथरी के लिए कारगर है?
हां, आयुर्वेदिक चिकित्सा गुर्दे की पथरी के लिए कारगर है। यह न केवल स्थायी इलाज प्रदान करती है, बल्कि गुर्दे की स्वस्थता को बनाए रखने के लिए संभाव्य घातकों को रोकने में भी मदद करती है।
क्या आहार में पथ्यादि मदों का सेवन पथरी में मदद कर सकता है?
हां, पथ्यादि मदों का सेवन करना पथरी के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। जैसे कि खीरे, सेब, पपीता, नींबू और पानी की पर्याप्त मात्रा इस बीमारी को ठीक करने में मदद कर सकती हैं।
क्या पथरी के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा के पौधों का कुछ और उपयोग हो सकता है?
हां, कुछ और आयुर्वेदिक पौधे जैसे कीटकारी, पथरचट्टा और गोक्षुर सद्य पथ्री के उपचार में उपयोग हो सकते हैं। इनमें मूत्राशय और गुर्दे की सफाई को बढ़ावा देने वाले गुण मौजूद होते हैं जो पथरी को नष्ट करने में मदद कर सकते हैं।
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